कांग्रेस का गढ़ डगमगाया! सिविल लाइंस में प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ लहर, गोपाल शर्मा की बढ़ रही रफ्तार

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Civil lines assembly elections 2023 : भाजपा प्रत्याशी गोपाल शर्मा की बढ़ती लोकप्रियता से कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास की मुश्किलें बढ़ गई हैं। खाचरियावास लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं, लेकिन जनता का मूड उनके पक्ष में नहीं दिख रहा है।

खबरों के मुताबिक, प्रताप सिंह खाचरियावास पिछले कुछ दिनों से लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। वह लोगों को संकल्प दिलवा रहे हैं कि वे उन्हें ही वोट देंगे। ऐसा लगता है कि उन्हें अपनी जीत को लेकर डर है।

हालांकि, जनता का मूड उनके पक्ष में नहीं दिख रहा है। लोगों का कहना है कि खाचरियावास ने पहले भी कई वादें किए हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर पूरे नहीं हुए हैं। इसलिए, इस बार वे किसी नए चेहरे को मौका देना चाहते हैं।

भाजपा प्रत्याशी गोपाल शर्मा भी लगातार जनता से संपर्क कर रहे हैं। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया है कि अगर उन्हें मौका मिला तो वे क्षेत्र का विकास करेंगे।

इस चुनाव में सिविल लाइंस में मुकाबला दिलचस्प होने वाला है। दोनों प्रत्याशी जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए चल रहे प्रचार के दौरान सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र में बदलते समीकरणों ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। भाजपा प्रत्याशी गोपाल शर्मा की लगातार बढ़ती लोकप्रियता से खाचरियावास को हार का डर सताने लगा है।

खबरों के मुताबिक, प्रताप सिंह खाचरियावास पिछले कुछ दिनों से लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं। वह लोगों को संकल्प दिलवा रहे हैं कि वे उन्हें ही वोट देंगे। ऐसा लगता है कि उन्हें अपनी जीत को लेकर डर है।

हालांकि, जनता का मूड उनके पक्ष में नहीं दिख रहा है। लोगों का कहना है कि खाचरियावास ने पहले भी कई वादें किए हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर पूरे नहीं हुए हैं। इसलिए, इस बार वे किसी नए चेहरे को मौका देना चाहते हैं।

भाजपा प्रत्याशी गोपाल शर्मा भी लगातार जनता से संपर्क कर रहे हैं। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया है कि अगर उन्हें मौका मिला तो वे क्षेत्र का विकास करेंगे।

एक स्थानीय निवासी ने बताया कि खाचरियावास ने पिछले चुनाव में भी कई वादें किए थे, लेकिन उनमें से ज्यादातर पूरे नहीं हुए। इसलिए, इस बार हम किसी नए चेहरे को मौका देना चाहते हैं।

एक अन्य निवासी ने कहा कि गोपाल शर्मा एक नए चेहरे हैं। उनके पास कोई राजनीतिक अनुभव नहीं है, लेकिन वे ईमानदार और मेहनती लगते हैं। इसलिए, हम उन्हें मौका देना चाहते हैं।

सिविल लाइंस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा रहा है। हालांकि, इस बार बदलते समीकरणों ने खाचरियावास की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अगर भाजपा प्रत्याशी गोपाल शर्मा जनता का विश्वास जीतने में सफल होते हैं, तो उन्हें जीत की उम्मीद बढ़ जाएगी।

प्रताप सिंह खाचरियावास की मुश्किलें निम्नलिखित कारणों से बढ़ी हैं:

  • गोपाल शर्मा एक नए चेहरे हैं और उन्हें जनता का समर्थन मिल रहा है।
  • प्रताप सिंह खाचरियावास के प्रति जनता का विश्वास कम हो रहा है क्योंकि उन्होंने पहले की गई वादों को पूरा नहीं किया है।
  • कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व भी इस बार कमजोर है।

अगर प्रताप सिंह खाचरियावास इन चुनौतियों का सामना नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें हार का सामना करना पड़ सकता है।

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