Jaipur : सिविल लाइंस विधानसभा सीट भाजपा का चौंकाने वाला फैसला, प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ उनके पुरोहित को टिकट

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Civil Lines Vidhan Sabha Seat: जयपुर भाजपा कर सकती है चौंकाने वाला फैसला, सिविल लाइंस से पंडित पुरुषोत्तम गौड़ को टिकट दे सकती है?

  • भाजपा जयपुर की सिविल लाइंस विधानसभा सीट से पंडित पुरुषोत्तम गौड़ को टिकट देने की तैयारी कर रही है।
  • गौड़ प्रताप सिंह खाचरियावास के पुरोहित हैं।
  • यह फैसला जयपुर की राजनीति में हलचल मचाने वाला है।

जयपुर की सिविल लाइंस विधानसभा सीट राजस्थान की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक है। पिछले 15 सालों से इस सीट पर जिस पार्टी ने जीत दर्ज की है, वही पार्टी राज्य में सरकार बनाई है।

वर्तमान में इस सीट पर कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास विधायक हैं। भाजपा इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा इस सीट से पंडित पुरुषोत्तम गौड़ को टिकट देने की तैयारी कर रही है। गौड़ जयपुर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य हैं और प्रताप सिंह खाचरियावास के पुरोहित भी हैं।

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यह फैसला चौंकाने वाला माना जा रहा है। गौड़ एक प्रसिद्ध व्यक्ति हैं, लेकिन वे राजनीति में कोई अनुभव नहीं रखते हैं। हालांकि, भाजपा को उम्मीद है कि गौड़ के नाम से मुस्लिम और ब्राह्मण मतदाताओं को आकर्षित किया जा सकता है।

भाजपा का यह फैसला जयपुर की राजनीति में हलचल मचाने वाला है। यह देखना होगा कि भाजपा का यह फैसला कितना कारगर होता है।

सवाल:

  • क्या भाजपा का यह फैसला जयपुर की राजनीति में बदलाव ला सकता है?
  • क्या भाजपा इस सीट पर जीत दर्ज करने में सफल हो पाएगी?
  • क्या जयपुर की सिविल लाइंस सीट से जीत दर्ज करने वाली पार्टी की बनेगी सरकार?

निष्कर्ष:

भाजपा का यह फैसला जयपुर की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। अगर भाजपा इस सीट पर जीत दर्ज करने में सफल हो जाती है, तो यह जयपुर की राजनीति में भाजपा के लिए एक बड़ा जीत होगी।

क्या यह फैसला सफल हो सकता है?

यह फैसला सफल हो सकता है या नहीं, यह कई कारकों पर निर्भर करेगा। इनमें शामिल हैं:

  • पंडित पुरुषोत्तम गौड़ की लोकप्रियता
  • प्रताप सिंह खाचरियावास की लोकप्रियता
  • भाजपा और कांग्रेस के बीच चुनावी प्रचार

यदि पंडित पुरुषोत्तम गौड़ जयपुर के लोगों के बीच लोकप्रिय हैं, तो यह फैसला सफल हो सकता है। इसके अलावा, यदि प्रताप सिंह खाचरियावास की लोकप्रियता कम हो जाती है, तो यह फैसला भी सफल हो सकता है।

हालांकि, यदि प्रताप सिंह खाचरियावास अभी भी लोकप्रिय हैं, तो यह फैसला सफल होने की संभावना कम है। इसके अलावा, यदि भाजपा और कांग्रेस के बीच चुनावी प्रचार में कोई बड़ा अंतर नहीं होता है, तो भी यह फैसला सफल होने की संभावना कम है।

वोटर और चुनावी आंकड़े

विधानसभा में कुल 2 लाख 35 हजार 78 वोटर हैं. 123091 पुरुष मतदाता हैं तो वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 111987 है. पिछले विधानसभा चुनाव में यहां पर मतदान का प्रतिशत 72. 35 रहा था. इस सीट पर 50000 से अधिक मतदाता अन्य राज्यों के जैसे पश्चिम बंगाल, हरियाणा, बिहार उत्तर प्रदेश और झारखंड के लोग हैं जो वाटर के रूप में भी रजिस्टर्ड हैं.

जाति आधारित मतदाता

सिविल लाइन विधानसभा सीट में लगभग 55000 ब्राह्मण मतदाता हैं. 25000 हजार वैश्य मतदाता हैं. लगभग 25000 अनुसूचित जनजाति के मतदाता हैं. 20000 माली, 25000 मुस्लिम, 10000 राजपूत सहित अन्य कई वर्गों के मतदाता हैं.

सीट पर दबदबा कांग्रेस का

2008 में सिविल लाइंस विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास ने 58166 वोट हासिल करके जीत दर्ज की थी. भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अशोक लोहटी को 51205 वोट मिले थे, जो दूसरे नंबर पर रहे थे. 2013 के विधानसभा चुनाव के अंदर अरुण चतुर्वेदी ने यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी प्रताप सिंह को हराया था. 2018 विधानसभा चुनाव के अंदर प्रताप सिंह खाचरियावास ने मंत्री अरुण चतुर्वेदी को हराकर इस सीट पर फिर से कांग्रेस का परचम लहराया था.

क्या यह फैसला जयपुर की राजनीति में बदलाव ला सकता है?

यह फैसला जयपुर की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। अगर भाजपा इस सीट पर जीत दर्ज करने में सफल हो जाती है, तो यह जयपुर की राजनीति में भाजपा के लिए एक बड़ा जीत होगी। यह भाजपा को जयपुर में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद करेगा।

इसके अलावा, यह फैसला जयपुर की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत का संकेत दे सकता है। यह संकेत दे सकता है कि भविष्य में राजनीति में स्थापित नेताओं के अलावा, नए लोगों को भी मौका दिया जाएगा।

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