बीकानेर के मनमोहन सिंह राठौर ने अपने नए स्टार्टअप Craftyther.com के जरिए राजस्थानी फोक हस्तशिल्प को एक नई पहचान दी है। मनमोहन की कहानी प्रेरणादायक है, और उनके प्रयासों ने न केवल स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहित किया है, बल्कि राजस्थानी कला को एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी पहुंचाया है।
मनमोहन का सफर बेहद दिलचस्प रहा है। पहले भारतीय सेना में सेवा देने वाले मनमोहन ने मां की बीमारी और पारिवारिक समस्याओं के कारण सेना छोड़ने का कठिन निर्णय लिया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 2010 में आईटी सॉल्यूशंस की ट्रेनिंग लेकर, 2012 में उन्होंने अपना खुद का आईटी बिजनेस शुरू किया। कोविड के समय ई-कॉमर्स में आए बूम का उन्होंने सही इस्तेमाल किया और अपना ध्यान राजस्थानी हस्तकला की ओर मोड़ दिया।
जब उन्होंने 2022 में जोधपुर में एक पारिवारिक समारोह के दौरान अपने एक दोस्त से राजस्थानी हस्तशिल्प के बारे में जानकारी ली, तो उन्हें समझ में आया कि इस प्राचीन कला को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने का समय आ गया है। मनमोहन ने Craftyther.com की शुरुआत की, जिसमें राजस्थानी हस्तशिल्प के चमड़े के बैग, हैंडबैग और अन्य उत्पादों को पेश किया गया।
Craftyther पर अब लगभग 500 प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं, जो खासतौर पर विदेशी बाजार में बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं। मनमोहन का मानना है कि राजस्थानी कला में एक खास आकर्षण है, और यही कारण है कि विदेशी पर्यटक इसे पसंद कर रहे हैं।
राजस्थान की मिट्टी से गहरे जुड़े रहने का जज़्बा मनमोहन को इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने न केवल अपने स्टार्टअप के जरिए राजस्थानी कलाकारों को एक नया मंच दिया है, बल्कि उन्होंने उनकी मेहनत और कला को भी वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाई है।
मनमोहन का यह कदम साबित करता है कि जब दिल में कुछ करने की चाह हो, तो रास्ते अपने आप खुल जाते हैं। Craftyther अब केवल एक स्टार्टअप नहीं, बल्कि एक प्रेरणा बन गया है, जो दिखाता है कि राजस्थानी हस्तकला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैसे पेश किया जा सकता है।
तो, यदि आप भी राजस्थानी हस्तशिल्प के दीवाने हैं, तो Craftyther.com पर जरूर जाएं और इस अद्भुत कला का हिस्सा बनें!