तखतगढ़, राजस्थान – युवाचार्य अभयदास का एक बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने अजमेर शरीफ दरगाह पर माथा टेकने वाले हिंदुओं को आड़े हाथों लिया है। अभयदास का कहना है कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, जिनकी दरगाह अजमेर शरीफ में है, हमारे अंतिम हिंदू राजा पृथ्वीराज चौहान की हत्या के षड्यंत्र में शामिल थे। ऐसे में हिंदुओं का वहाँ जाकर माथा टेकना शर्म है हिन्दू समाज के लोगो को
अभयदास ने गुस्से में कहा, “हिंदू वहाँ जाकर माथा क्यों पटक रहे हैं? अगर आप सच में अपने राजा का सम्मान करते हैं, तो उस जगह पर जाना बंद करो, जहाँ उनके हत्यारे का सम्मान किया जाता है। अगर हिंदू वहाँ जाना बंद कर दें, तो उस दरगाह पर ताले लग जाएंगे।”
उनके इस बयान पर सोशल मीडिया में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग युवाचार्य के बयान का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कई लोग इसे धार्मिक सौहार्द्र और सहिष्णुता के खिलाफ मानते हैं।
इतिहासकारों की राय भी इस मामले में अहम होगी, क्योंकि अभयदास के दावे के पीछे ऐतिहासिक साक्ष्य पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, अजमेर शरीफ दरगाह पर हजारों श्रद्धालु हर साल आते हैं और यह सदियों से विभिन्न धर्मों के लोगों के लिए आस्था का केंद्र रही है।
अभयदास के इस बयान से एक बार फिर धार्मिक और ऐतिहासिक मुद्दों पर बहस छिड़ गई है। अब देखना होगा कि इस विवाद का असर कितना और कहाँ तक जाता है।