जयपुर, राजस्थान: प्रसिद्ध आयुर्वेदिक दवा कंपनी नारायण फार्मास्युटिकल्स में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कंपनी के एक सेल्स ऑफिसर तेजप्रकाश पर आरोप है कि उसने लखनऊ के डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा दिए गए चेक चुराकर अपनी पत्नी के नाम की एक फर्जी फर्म “आरोग्यम दवा घर” के बैंक खाते में जमा करा दिए।
धोखाधड़ी का तरीका:
- तेजप्रकाश ने फरवरी और मार्च 2024 में लखनऊ में विभिन्न आयुर्वेदिक स्टोर्स को दवाएं सप्लाई की थीं।
- इन दवाओं के भुगतान में प्राप्त चेक उसने अपनी पत्नी के नाम की फर्जी फर्म के खाते में जमा करा दिए।
- चेक बाउंस होने पर कंपनी को इस धोखाधड़ी का पता चला।
कंपनी का एक्शन:
- नारायण फार्मास्युटिकल्स ने तेजप्रकाश पर धोखाधड़ी और चोरी का आरोप लगाते हुए जयपुर करधनी पुलिस थाने में FIR दर्ज कराई है।
- कंपनी ने तेजप्रकाश को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है।
- साथ ही कंपनी ने सभी आयुर्वेदिक स्टोर्स और अपने सहयोगियों को इस घटना की जानकारी दे दी है।
कंपनी का रुख:
- नारायण फार्मास्युटिकल्स ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
- कंपनी का कहना है कि तेजप्रकाश ने न केवल चेक चुराए बल्कि अपनी व्यक्तिगत जानकारी भी कंपनी को सही तरीके से जमा नहीं कराई।
- कंपनी का मानना है कि तेजप्रकाश ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर जानबूझकर कंपनी को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की साजिश रची थी।
- तेजप्रकाश ने अपनी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर यह फर्जीवाड़ा किया, जो कंपनी के विश्वास को भी चोट पहुंचाता है।
- यह घटना पूरे आयुर्वेदिक दवा उद्योग के लिए भी एक चेतावनी है। कंपनियों को अपने कर्मचारियों की पूरी तरह से जांच-पड़ताल करनी चाहिए और धोखाधड़ी को रोकने के लिए सख्त नीतियां लागू करनी चाहिए।
नारायण फार्मास्युटिकल्स का यह कदम निश्चित रूप से इस तरह के फर्जीवाड़ों को रोकने में एक सकारात्मक पहल है। साथ ही यह अन्य कंपनियों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है कि वे अपने कर्मचारियों पर नजर रखें और धोखाधड़ी को रोकने के लिए उचित उपाय करें।